भिखारी चाहता नहीं भीख मांँगना,
चोर भी कैद से छूटना चाहता हैं,
सोचता नहीं fail होने का कोई
बगैर मेहनत हर जन pass नहीं होता,
है कड़े परिश्रम पर बहुत कोई विफल रह गया।
ऊपर वाले कि दुनिया जनाब
जैसा चाहे वो वैसे रहना है।।
अच्छे कर्म बहुत करते
प्रत्येक को फल नहीं मिलता,
हर किसी का शुभचिंतक होता नहीं
और शुभचिंतक के चाहने से हर कुछ अच्छा नहीं होता,
हम तो कठपुतलियां है डोर किसी और के हाथ।
दुनिया ऊपर वाले की जनाब।।
जैसा चाहे वो वैसे जीना है। ।
बने जो परिश्रम करो,
ना बुरा सोचो,
गलत किसी का करो मत,
जिंदा है जब तक हंस कर बातें कर लिया करो,
ये सपने वाले लोग कमाल Biology का है।
वैसे भी ऊपर वाले की दुनिया जनाब
जैसा चाहे वह वैसे जीना है।।
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