शायरी


जब से आप मिले है,

मानो हमारे भी बगीचे मे

फूल खिलने लगे है ||

 

तवज्जो आपकी पाई है जिन्होंने

जाने कैसे कर्म किए होंगे उन्होंने ||




 

Dr ने कहा

बीमारी गंभीर है ध्यान दीजिए,

किसी खास के साथ

रोज एक कप चाय लीजिए ||

 

ईशक मे तेरे खुद को इस कदर मिटा लिया

पूछा किसी ने मेरा नाम, नाम मैंने तेरा बता दिया

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Shayri

प्रभु का नाम लो

जैसा चाहे वो वैसे जीना है

बावली हैं के तू