कोशिश एक और कर


रास्ते में पत्थर बहुत है 
ठोकर से बच,
फूल के रूप में कांटे हैं 
कदम संभल कर रख, 
हिम्मत जुटा थोड़ी सी 
क्या हुआ हार गया,
कोशिश एक और कर ।
तू कोशिश एक और कर।। 

बिन हारे अजय कोई होता नहीं 
दुनिया के पीछे भागना छोड़ 
भीड़ में मारा जाएगा,
रास्ता अपना अलग चुन 
थोड़ा कम भी चला 
तो चल जाएगा,
मंजिल जो मिलेगी 
अकेले तुम्हारी अपनी होगी 
परवाह छोड़ हर किसी की 
कुछ कदम आगे बढ़, 
कोशिश एक और कर 
तू कोशिश एक और कर।। 

हिम्मत बढ़ाने वाले मिलेंगे 
हाथ बटाने वाला कोई नहीं 
खुद को समझा ले 
बहुत कुछ करना पड़ता है 
कुछ कर दिखाने के लिए 
मंजिल मन में रख 
कोई हरा नहीं सकता तुझे 
बस खुद से ना हार 
तू कोशिश एक और कर।।

चाहिए किसी को पैसा, कोई प्यार मांगता है। 
कोई जॉब से परेशान, कोई नौकरी मांगता है।
किसी को बीवी चाहिए, कोई डाइवोर्स मांगता है। 
मांग तुझे क्या चाहिए, खुद तू खुदा है खुद से मांग जो मांगना है।।

टिप्पणियाँ

Shayri

प्रभु का नाम लो

जैसा चाहे वो वैसे जीना है

बावली हैं के तू